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सीएम सुक्खू ने शिक्षा विभाग में शिक्षकों को नियुक्ति समेत समग्र शिक्षा कार्यक्रम के तहत शुरू की कई नई पहलें ,

शिमला:-हिमाचल प्रदेश की शिक्षा यात्रा में आज एक नया और ऐतिहासिक अध्याय जुड़ गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने समग्र शिक्षा के अंतर्गत कई नवाचारी और दूरगामी पहलों की शुरुआत की, जिनका उद्देश्य प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी, उत्तरदायी और गुणवत्तापूर्ण बनाना है। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर द्वारा चयनित 312 नए ड्राइंग शिक्षकों को नियुक्ति पत्र भी प्रदान किए गए। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, शिक्षा सचिव राकेश कंवर, समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा, स्कूली शिक्षा निदेशक आशीष कोहली, अतिरिक्त निदेशक बी.आर. शर्मा सहित अनेक गणमान्य अधिकारी उपस्थित रहे।


मुख्यमंत्री ने पांच मेधावी विद्यार्थियों को जापान के प्रतिष्ठित ‘Sakura Science High School Program’ के लिए रवाना किया, जहां ये छात्र विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘edskExpress’ नामक एक अभिनव डिजिटल समाचार पत्र का शुभारंभ भी किया, जो "छात्रों के लिए और छात्रों द्वारा" की अवधारणा पर आधारित है। यह समाचार पत्र विद्यार्थियों को रचनात्मक अभिव्यक्ति का एक सशक्त मंच प्रदान करेगा।
 
 
*डिजिटल टेक्नोलॉजी के साथ पारदर्शी व्यवस्था की ओर कदम*

मुख्यमंत्री ने ‘Smart Upasthiti’ के तहत जिओ-टैग्ड और जिओ-फेंस्ड उपस्थिति प्रणाली की शुरुआत कर शिक्षक उपस्थिति को पारदर्शी और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने का मार्ग प्रशस्त किया। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री डैशबोर्ड और जिला डैशबोर्ड्स का भी शुभारंभ किया गया, जिससे अब राज्य से लेकर ब्लॉक स्तर तक शिक्षा संबंधी सभी आंकड़े रियल-टाइम में उपलब्ध होंगे। उन्होंने राज्य की पहली ‘बेसलाइन स्कूल रैंकिंग और एक्रिडेशन रिपोर्ट’ भी जारी की, जो स्कूलों की गुणवत्ता का आकलन करने में सहायक सिद्ध होगी।
इस मौके पर कस्तुरबा गांधी बालिका आश्रम की छात्राओं को रक्षा बंधन के लिए दिल्ली रवाना किया गया। ये छात्राएं राष्ट्रपति भवन में रक्षाबंधन पर राखियां बांधेंगी।


*सरकार ने सत्ता में आते ही उठाए शिक्षा सुधार के ठोस कदमः मुख्यमंत्री*

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस अवसर पर कहा कि सत्ता में आने के बाद सरकार ने राज्य में शिक्षा के गिरते स्तर का संज्ञान लिया और व्यापक सुधारों की दिशा में साहसिक कदम उठाए। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए खोले गए स्कूलों को बंद करने का निर्णय कठिन लेकिन आवश्यक था, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता से कोई समझौता न हो। उन्होंने बताया कि एक वर्ष में ही लगभग 5100 शिक्षकों की भर्तियां की गई और स्कूलों का युक्तिकरण कर संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा की शुरुआत हो चुकी है और अगले वर्ष से एक सौ सीबीएसई स्कूल शुरू किए जाएंगे। साथ ही, छात्रों में सामान्य ज्ञान और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए नई गतिविधियां भी आरंभ की गई हैं।  उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोलने का निर्णय लिया है, जिसके लिए 200 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। इन स्कूलों को निजी स्कूलों से भी बेहतर बनाना लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल सरकार ने बेसिक एजुकेशन की कमजोरी को दूर करने के लिए गंभीर प्रयास किए, जिनका परिणाम यह है कि आज प्रदेश ने देश में पहली रैंक प्राप्त की है। असर की रिपोर्ट में बेहतर प्रदर्शन करने के बाद अब परख सर्वेक्षण में हिमाचल पंजाब और केरल के बाद प्रथम स्थान पर रहा है। मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि का श्रेय शिक्षकों को देते हुए कहा कि यह उनके प्रयासों का प्रतिफल है। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में प्रार्थना सभा और सामान्य ज्ञान की शिक्षा को अब अनिवार्य किया गया है। साथ ही, सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी स्कूल अपने छात्रों के लिए ड्रेस निर्धारित कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षकों और छात्रों को शैक्षणिक भ्रमण पर भेजने की पहल की है और सरकार का प्रयास रहेगा कि ऐसे अवसर आगे भी निरंतर मिलते रहें। मुख्यमंत्री ने नव नियुक्त ड्राइंग मास्टरों को बधाई भी दी।

*सरकार की शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता: शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर*

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि बीते अढ़ाई वर्षों में राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में बुनियादी बदलाव लाए गए हैं। लगभग 5187 पदों पर भर्तियां की गई हैं। सरकार द्वारा स्कूल लेक्चरर, टीजीटी, जेबीटी शिक्षकों की भर्तियां करने के साथ-साथ कॉलेज शिक्षकों को प्रिंसिपल के तौर पर पदोन्नत किया गया है। अभी और भी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्कूलों के कंसोलिडेशन और संसाधनों के समुचित प्रयोग की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने गुणात्मक शिक्षा देने के लिए कई साहसिक निर्णय लिए हैं, जिनके परिणामस्वरूप आज हिमाचल देश में शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बन चुका है। उन्होंने कहा कि हिमाचल जल्द ही 100 प्रतिशत साक्षर राज्यों की सूची में शामिल होगा। परख सर्वेक्षण में हिमाचल देश में ओवर आल  पांचवें स्थान पर रहा है, जबकि असर रिपोर्ट में हिमाचल की रीडिंग दक्षता केरल से बेहतर आंकी गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा शुरू की है लेकिन साथ ही स्थानीय भाषा को बढ़ावा देने के लिए ‘बैग फ्री डे’ पर शिक्षकों और छात्रों को स्थानीय भाषा में संवाद करने के निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षा मंत्री ने नव शिक्षकों को नियुक्ति की बधाई दी और कहा कि शिक्षकों के साथ-साथ छात्रों को भी एक्सपोजर देने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल शिक्षा के साथ-साथ शैक्षणिक भ्रमणों के माध्यम से शिक्षकों और विद्यार्थियों की दृष्टि और समझ का दायरा व्यापक बनाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा हिमाचल सरकार शिक्षा पर कुल बजट का लगभग 18 से 20 प्रतिशत व्यय कर रही है।

*मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री के मार्गदर्शन में राज्य ने शिक्षा में अभूतपूर्व प्रगति कीः राकेश कंवर*

शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने कहा कि मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के मार्गदर्शन में राज्य ने शिक्षा सुधारों में अभूतपूर्व प्रगति की है। उन्होंने कहा कि जिओ-टैग्ड स्मार्ट उपस्थिति प्रणाली को अन्य विभागीय सॉफ्टवेयर से जोड़ा जा रहा है, जिससे उपस्थिति और प्रदर्शन से जुड़े निर्णय डेटा आधारित और सटीक हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि विद्या समीक्षा केंद्र के माध्यम से राज्य स्तर से लेकर स्कूल स्तर तक हर छात्र की उपस्थिति और सीखने की प्रगति पर निगरानी की जा रही है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल देश का पहला राज्य बना है जिसने छात्रों को विदेश में एक्सपोजर के लिए भेजा है। उन्होंने कहा कि विभाग का दृष्टिकोण भविष्य उन्मुख है और आज किए जा रहे सुधार आने वाले वर्षों में राज्य को शैक्षणिक नेतृत्व प्रदान करेंगे। उन्होंने शिक्षकों से शिक्षा में सुधार के लिए आगे आने का आवाहन किया।

*हिमाचल की शिक्षा के इतिहास में मील का पत्थर साबित होंगी नई पहलें – राजेश शर्मा*

     समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने कहा कि आज शुरू की गई पहलें हिमाचल की शिक्षा के इतिहास में मील का पत्थर साबित होंगी। उन्होंने कहा कि पहली बार इतने बड़े पैमाने पर ड्राइंग शिक्षकों की नियुक्ति की गई हैं। स्मार्ट उपस्थिति प्रणाली की मदद से अब शिक्षकों की उपस्थिति और लोकेशन की तकनीकी निगरानी संभव होगी, जिससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि रजिस्टर कार्यभार भी कम होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डैशबोर्ड और जिला डैशबोर्ड के माध्यम से राज्य के कोने-कोने से शिक्षा का डेटा मुख्यमंत्री तक पहुंच सकेगा, जिससे निर्णय प्रक्रिया अधिक प्रभावी और त्वरित होगी। बेसलाइन स्कूल रैंकिंग रिपोर्ट के माध्यम से अब सरकारी और निजी स्कूलों की गुणवत्ता की जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होगी, जिससे अभिभावकों को उचित स्कूल चयन में सहायता मिलेगी।
स्कूली शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से शिक्षा की गुणवत्ता में निरंतर सुधार हो रहा है। शिक्षक नियुक्तियों से स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर हुई है और यह प्रक्रिया भविष्य में भी जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि परख सर्वेक्षण में हिमाचल ने देश में पांचवां स्थान प्राप्त किया है, जो सरकार की योजनाओं और शिक्षकों की मेहनत का परिणाम है।

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