यहां जानिए कैबिनेट मीटिंग में न्यूनतम किराए में बढ़ोतरी के साथ क्या हुए बड़े फैसले
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में शनिवार को सीएम सुक्खू की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुई।इस कैबिनेट मीटिंग में प्रदेश सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए है। हिमाचल प्रदेश में अब सरकारी और प्राइवेट बसों में अब न्यूनतम किराया 10 रुपए लिया जाएगा। यह फैसला मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शनिवार को संपन्न कैबिनेट मीटिंग में लिया गया। पूर्व में न्यूनतम किराया 5 रुपए था। इसमें 5 रुपए की बढ़ौतरी की गई है।
प्रदेश में अब तीन किलोमीटर या इससे कम सफर करने वाले यात्रियों को 10 रुपए किराया चुका होगा। प्रदेश की सरकारी और प्राइवेट बसों में रोजाना 8 से 10 लाख लोग सफर करते हैं। जाहिर है कि इससे हजारों लोगों पर बोझ पड़ने वाला है। इसे लेकर हिमाचल प्रदेश पथल परिवहन निगम ने सरकार को एक प्रस्ताव भेज रखा था। प्राइवेट बस ऑपरेटर भी सरकार पर न्यूनतम किराया बढ़ाने का दबाव डाल रहे थे।
कैबिनेट ने 31 मार्च 2025 को दो साल की लगातार सेवा पूरी करने वाले अनुबंध कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने की मंजूरी प्रदान की। इससे 3000 से ज्यादा कर्मचारी लाभान्वित होंगे। इसी तरह दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों और आकस्मिक वेतन भोगी कर्मचारियों को भी रेगुलर करने का निर्णय लिया गया।
कैबिनेट ने एक और महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए पूर्व भाजपा सरकार द्वारा सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) को आवंटित चार पावर प्रोजेक्ट वापस लेने का फैसला लिया। इनमें 382 मेगावाट के सुन्नी पावर प्रोजेक्ट, 210 मेगावाट के लुहरी, 66 मेगावाट के धोलासिद्ध और डुंगर पावर प्रोजेक्ट शामिल है।इसके मूल्यांकन के लिए सरकार ने प्रोजेक्ट में अब तक खर्च के अनुमान के लिए एक कमेटी गठित करने का फैसला लिया है।
कैबिनेट में वरिष्ठ रेजिडेंट और ट्यूटर विशेषज्ञों के लिए मासिक वजीफा मौजूदा 60,000-65,000 रुपए से बढ़ाकर 1,00,000 रुपए, सुपर स्पेशलिस्ट और सीनियर रेजीडेंट (सुपर स्पेशलिस्ट) के लिए वजीफा 60,000-65,000 रुपए से बढ़ाकर 1,30,000 रुपए प्रतिमाह ने का निर्णय लिया।
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