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स्वयं सहायता समूह के उत्पादों की होगी ऑनलाइन बिक्री, मुख्यमंत्री ने ई-कॉमर्स वेबसाइट का शुभारंभ किया

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां ग्रामीण विकास विभाग द्वारा विकसित ई-कॉमर्स वेबसाइट का शुभारंभ किया। इसके माध्यम से प्रदेश के 44 हजार स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 3,50,000 से अधिक ग्रामीण महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पादों को प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। इस वेबसाइट से स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को वैश्विक मंच उपलब्ध होगा, जिससे ग्रामीण कारीगरों और उद्यमियों के उत्पादों को विस्तार मिलेगा और ऑनलाइन बिक्री के माध्यम से उनकी आर्थिकी भी सुदृढ़ होगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग के तहत हिमाचल प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को आय सृजन के अधिक अवसर उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से सात फूड वैन को भी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रदेश सरकार की यह पहल ग्रामीण महिलाओं को आजीविका के अवसर उपलब्ध करवाने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने मिशन के अन्तर्गत आर्थिक रूप से स्वावलंबी महिलाओं की सफलता की प्रेरक कहानियांे की एक पुस्तिका का भी विमोचन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिम-ईरा महिला सशक्तिकरण की एक मिसाल है और आने वाले समय में इसे और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा। उन्होंने सभी स्वयं सहायता समूहों को गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार करने को कहा ताकि उन्हें अधिक से अधिक लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्रियों और अन्य गणमान्यों को भी हिम-ईरा से बने उत्पाद उपहार स्वरूप प्रदान किए जाते हैं। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि हिम-ईरा के उत्पादों को प्रदर्शित करने और उनकी बिक्री के लिए प्रदेश सरकार, सरकारी भवनों में इन उत्पादों के लिए एक समर्पित दुकान उपलब्ध करवाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार राज्य की संस्कृति के अनुरूप नीतियां निर्धारित कर रही है। प्रदेश सरकार के पहले ही बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था और स्वरोजगार के अवसर सृजित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। प्रदेश सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए पुलिस कॉस्टेबल के पदों में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत पद आरक्षित किए हैं और लड़कियों की विवाह योग्य आयु को 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष करने की दिशा में निर्णय लिया है।  

 
पर्यावरण संरक्षण और पौध रोपण में महिलाएं और युवा निभाएंगे महत्वपूर्ण भूमिका
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण और वनों में पौध रोपण जैसे कार्यों में महिलाओं और युवा समूहों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक योजना तैयार की जा रही है जिसके तहत उन्हें सहायता प्रदान की जाएगी। पूर्व भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि चुनावों के दृष्टिगत पूर्व भाजपा सरकार ने अन्तिम छः माह में बिना बजट प्रावधान के योजनाएं शुरू कीं जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ा।

 
भाजपा सरकार ने सुविधा संपन्न लोगों को 5000 करोड़ रुपये की रेवड़ियां बांटी
मुख्यमंत्री ने  कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने केवल चुनावी लाभ के लिए सुविधा संपन्न लोगों को 5000 करोड़ रुपये की रेवड़ियां बांटी। वर्तमान प्रदेश सरकार गरीब लोगों को 300 यूनिट निःशुल्क बिजली और गृह निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने सुविधा संपन्न लोगों से स्वेच्छा से बिजली की सब्सिडी छोड़ने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने समाज के समक्ष अनुकरणीय उदाहरण पेश करते हुए स्वयं बिजली की सब्सिडी का परित्याग किया है। उन्होंने बिजली सब्सिड़ी का परित्याग करने वाले लोगों का आभार भी व्यक्त किया।
इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार गरीब व वंचित वर्गों को ध्यान में रखते हुए नीतियों और योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में किए जा रहे कार्यों के लिए मुख्यमंत्री द्वारा उन पर विश्वास व्यक्त करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भविष्य में स्वयं सहायता समूहों को 70 फूड वैन उपलब्ध करवाने की योजना है। नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, सचिव राजेश शर्मा, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के निदेशक राघव शर्मा, एनआरएलएम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शिवम प्रताप सिंह और अन्य गणमान्य इस अवसर पर उपस्थित थे।

 

 


 


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