नगर निगम वसूलेगा पुरुषों से पेशाब का शुल्क , EX मेयर बोले इस फैसले को वापिस लें और महिलाओं का भी माफ करें शुल्क
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार हाल ही देश भर में टॉयलेट टैक्स को लेकर चर्चा में रही । सरकार के टॉयलेट टैक्स बाद अब नगर निगम शिमला चर्चा में आ गया है। नगर निगम शिमला ने मासिक बैठक में पेशाब करने पर भी शहर की आम जनता से पैसे लेने का फैसला किया है।जिसके बाद से हिमाचल प्रदेश में फिर से टॉयलेट टैक्स चर्चा में आ गया है।
दरअसल सोमवार को नगर निगम शिमला की मासिक बैठक हुई , इसमे MC शिमला ने नगर निगम के टॉयलेट में पुरुषों के पैशाब करने पर शुल्क वसूलने वाले प्रस्ताव को अनुमति प्रदान की गई है।
130 में से सिर्फ 30 पर शुल्क वसूलने की तैयारी
बता दें कि शिमला में मौजूदा समय में नगर निगम की परिधि में 130 शौचालय हैं। इनमें से शहर के प्रमुख स्थलों पर बने 30 शौचालय में पुरुषों से भी शुल्क वसूलने का निर्णय लिया गया है। शहर में महिलाओं से पहले ही शौच शुल्क लिया जा रहा है। ऐसे में महिलाओं द्वारा काफी समय से इसकी मांग की जा रही है। जिसके बाद हाउस में इस प्रस्ताव पर सहमति बनी है।
नगर निगम को सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गेनाइज़ेशन द्वारा पुरुषों व महिलाओं दोनों से शौच शुल्क लेने को लेकर पत्र प्राप्त हुआ था। ऐसे में निगम की मासिक बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा के बाद इसे पास कर दिया गया है। ऐसे में अब महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों को भी 5 रुपए शौच शुल्क के तहत चुकाना होगा।
यह कोई टॉयलेट टैक्स नहीं :- महापौर
नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि यह टॉयलेट टैक्स नहीं है, बल्कि इसे मेंटेनेंस के लिए वसूला जाएगा. उन्होंने कहा कि नगर निगम शिमला सुलभ शौचालय को टॉयलेट की मेंटेनेंस के लिए पैसे देता है. मेंटेनेंस के लिए यह शुल्क लगाया जा रहा है. नगर निगम शिमला की योजना है कि शहर के करीब 25 से 30 ऐसे सार्वजनिक शौचायलयों पर यूरिन शुल्क वसूला जाए, जहां लोगों की ज्यादा भीड़ होती है. यह शौचालय शिमला के मुख्य बाजार के आसपास हैं. इसके लिए नगर निगम शिमला स्थानीय दुकानदारों के कार्ड बनाएगा. इसमें दुकान मालिक के साथ वहां काम करने वालों के लिए यूरिन जाने पर कार्ड उपलब्ध होगा. इसके लिए 100 रूपये से 150 रुपए पर वसूले जाएंगे. वहीं, स्थानीय लोगों को से यूरिन जाने पर पांच रुपए वसूलने की तैयारी है. शौचायलयों के बाहर यूपीआई पेमेंट के लिए कर कोड भी लगाए जाएंगे. आने वाले दिनों में नगर निगम शिमला अपनी इस योजना को अमलीजामा पहनाने वाला है.
महिलाओं का भी माफ करना चाइये शुल्क :- संजय चौहान
वही नगर निगम के फैसले पर पूर्व मेयर संजय चौहान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है । उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है। शहर की जनता व पर्यटक कई तरह के टैक्स देती है।सफाई व्यवस्था बनाए रखना Mc की जिम्मेवारी है। संजय चौहान ने कहा कि शिमला नगर निगम में जब उनकी पार्टी या वो खुद मेयर थे तब उन्होंने महिलाओं के शुल्क को भी माफ किया था। वो मांग करते है किं नगर निगम अपने फैसले पर पुनर्विचार करें और इसको तुंरत वापस ले और महिलाओं के शुल्क को भी माफ करें। अन्यथा नगर निगम के खिलाफ बड़ा आंदोलन शहर की जनता के साथ मिलकर करेंगे।
शहर के कारोबारियों ने जताया विरोध
शहर के कारोबारियों ने टॉयलेट में पेशाब के पैसे लगाने के नगर निगम के फैसले का विरोध किया। नगर निगम ने कारोबारियों के लिए अलग से शौच कार्ड बनाने का निर्णय लिया है । जिसके अनुसार उनसे प्रति व्यक्ति प्रति माह 150 रुपए लिए जाएंगे। ऐसे में व्यापार मंडल शिमला ने इस फैसले पर विरोध जताया है। व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजीव ठाकुर ने बताया कि शौच शुल्क वसूली का फैसला कारोबारियों पर सरासर बोझ है। शौचालयों की हालत काफी खस्ता है। कारोबारियों से विभिन्न प्रकार के टैक्स लिए जा रहे हैं। सरकार द्वारा किसी भी प्रकार की सुविधा प्रदान नहीं की जा रही है। उन्होंने बताया कि निगम सदन में लिए गए फैसले का विरोध करेंगे। शहर में सैंकड़ों कारोबारी हैं जिनके द्वारा सार्वजनिक शौचालयों का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन कारोबारियों को अब शौच के लिए शुल्क अदा करना होगा।।
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