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सीपीएस मामले में कैबिनेट सदस्यों से चर्चा के बाद सरकार लेगी फैसलाः सीएम सुक्खू

प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश सरकार ने सीपीएस हटाने के साथ ही उनसे गाड़ी व अन्य सुविधाएं हटा दी हैं। इस मामले में सरकार के अगले कदम पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। इस बीच मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि अभी कोर्ट के फैसले की फाइनल कॉपी नहीं मिली है, इसके बाद ही इस पर सरकार फैसले लेगी। उन्होंने कहा कि अगला कदम उठाने से पहले वह इस मसले पर अपने कैबिनेट के साथ चर्चा करेंगे।
सीपीएस का पद आफिस ऑफ प्रॉफिट के दायरे में आने के विपक्ष के दावे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि भाजपा विपक्ष के नाते यह कर रही है।
 
गारंटियां पूरी होती तो उपचुनाव न जीतते
जयराम ठाकुर के गारंटियां पूरी न करने के बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा है कि वह नेता विपक्ष होने के नाते यह कह रहे है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पांच गारंटियां पूरी कर दी हैं, बाकि गारंटियां भी पूरी कर दी जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर उनकी सरकार ने गारंटियां पूरी नहीं की होती तो कांग्रेस विधानसभा उपचुनावों में छह सीटें न जीतती। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनावों में भी कांग्रेस का वोट शेयर 27 फीसदी से 41 फीसदी तक बढ़ा है।


सीपीएस ने गाड़ी-दफ्तर छोड़े, बंगले दो दिन में खाली करेंगे  
हिमाचल हाईकोर्ट के आदेशानुसार सभी सीपीएस ने गाड़ी व दफ्तर छोड़ दिए हैं।  सरकार ने इनके साथ अटैच स्टाफ हटा दिया है। अब एक-दो दिन में सीपीएस सरकारी बंगले भी छोड़ देंगे। सीपीएस अब विधानसभा सचिवालय की ओर से मकान मिलने के इंतजार में है।
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने बीती शाम को ही गाड़ी, बंगला, दफ्तर और स्टाफ जैसी सुख-सुविधाएं छीनने के आदेश जारी कर दिए थे। इनसे स्टाफ और गाड़ियां रात में ही वापस ले ली गई थी। मुख्य सचिव के आदेश आने के बाद सीपीएस के स्टाफ ने ज्यादातर का सामान भी दफ्तरों से समेट लिया है। 




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