अनोखा मेलाः लोगों ने एक-दूसरे पर बरसाए पत्थर
शिमला के धामी में लोगों ने एक दूसरे पर पत्थरों की खूब बरसात की। दो पक्षों के लोगों ने करीब 15 मिनट तक एक दूसरे पर पत्थर बरसाए। इसके बाद एक व्यक्ति का पत्थर से खून निकलने पर इसको मां भद्रकाली के चबूतरे पर तिलक लगाया गया।
हिमाचल की राजधानी शिमला से करीब 30 किलोमीटर दूरी पर धामी में सोमवार को एक अनोखा पत्थर मेला खेला गया। यहां दो पक्षों के लोगों ने एक दूसरे पर पत्थर बरसाए और करीब 15 मिनट तक यह पत्थरबाजी चली। इसके बाद पत्थर लगने से एक पक्ष के व्यक्ति का खून निकलने पर इससे मां भद्रकाली के चबूतरे पर तिलक लगाया गया। बताया जा रहा है कि वह करीब 8 सालों से पत्थर मेले में भाग ले रहे है।
सदियों से चली आ रही है परंपरा
शिमला के धामी में पत्थर मारकर चोटिल करने की यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। दिवाली के दूसरे दिन होने वाले इस मेले में धामी एरिया के दो क्षेत्रों (परगनों) के लोग एक दूसरे पर पत्थरों की बरसात करते है। ये पत्थर तब चलते हैं कि जब तक कि किसी एक पक्ष के व्यक्ति का खून नहीं निकलता। इसके खून से मां भद्रकाली के चबूतरे पर तिलक लगाया जाता है। मान्यता है कि पहले यहां हर साल भद्रकाली को नर बलि दी जाती थी, लेकिन धामी रियासत की रानी मानव बली रोकने के लिए सती हुई। रानी ने सती होने से पहले नर बली को बंद करने का हुक्म दिया। इसके बाद पशु बली शुरू हुई। कई साल पहले इसे भी बंद कर दिया गया। इसके बाद यह पत्थर मेला शुरू किया गया। इस मेले में दूर दूर से लोग पहुंचते हैं।
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