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अवैध मस्जिद तोड़ने के लिए धन नहीं, तो सनातन समाज श्रमदान करेगाः देवभूमि संघर्ष समिति

संजौली की अवैध मस्जिद को तोडऩे का काम तो शुरू कर दिया गया है, लेकिन इसका काम जिस तरह बेहद धीमी गति से किया जा रहा है, उससे यही लगता है कि यह काम मात्र औपचारिकता पूरा करने के लिए हो रहा है।
सोमवार को पहले दिन मस्जिद की छत के चार से पांच चादरें ही हटाई गईं। मस्जिद कमेटी तर्क दे रही है कि इसके पास अवैध निर्माण गिराने के लिए पर्याप्त धन नहीं है। इसके चलते यह काम धीमे से करना पड़ रहा है। इस बीच देवभूमि संघर्ष समिति ने कहा है कि वह श्रमदान कर मस्जिद कमेटी की इस काम में मदद करने के लिए तैयार है।
देवभूमि संघर्ष समिति के सह संयोजक मदन ठाकुर ने कहा कि पहले दिन मस्जिद की मात्र चार चादरें उखाड़ी गईं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सरकार और प्रशासन इसको लेकर  ढुलमुल रवैया अपनाए हुए है, उसको पूरा समाज देख रहा है। उन्होंने कहा कि वोट बैंक के लिए मस्जिद तोड़ने का लॉलीपॉप थमाने का जिस तरह से प्रयास किया जा रहा है, समाज इसको स्वीकार नहीं करेगा। मदन ठाकुर ने कहा कि मस्जिद कमेटी सद्भावना और भाईचारे के लिए अवैध निर्माण गिराने की बात कर रही हैं। अगर ऐसा है तो सनातन समाज भाईचारा निभाने के लिए तैयार है। सनातन समाज मस्जिद तोडऩे के लिए अपना श्रमदान देगा। इस काम के लिए एक भी पैसा नहीं लिया जाएगा और तोडऩे के बाद मलबा तक भी यहां नहीं रखा जाएगा। बस एक बार मस्जिद कमेटी इस काम में हमारी मदग मांगें, हम कमेटी के आदेश का इसके लिए इंतजार कर रहे हैं।
 
नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने मस्जिद तोड़ने के दिए हैं आदेश

नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने बीते 5 अक्टूबर को अवैध मस्जिद की तीन मंजिलें गिराने के आदेश दिए है। इससे पहले संजौली मस्जिद कमेटी ने कोर्ट में अवैध निर्माण को खुद गिराने की पेशकश की थी। नगर निगम आयुक्त कोर्ट के आदेश के बाद  मस्जिद कमेटी को वक्फ बोर्ड से भी एनओसी मिल गई है। मगर जिस तरह से बेहद धीमी गति से इसको तोड़ने का काम हो रहा है, उसको लेकर देवभूमि संघर्ष समिति ने सवाल खड़े किए हैं।


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