मिसालः रिटा. अधिकारी एच एल गेज्टा केवल एक रुपए के वेतन पर देंगे सेवाएं
तहसीलदार के पद से रिटायर्ड एच एल गेज्टा से उन अधिकारियों को जरूर सीख लेनी चाहिए जो कि रिटायरमेंट के बाद पुर्नरोजगार पाने पर मोटी पेंशन के बावजूद अलग से तनख्वाह व भत्ते लेकर सरकारी खजाने पर बोझ डालने से नहीं हिचकते। ये अधिकारी पुर्नरोजगार पाने के लिए अपने सभी संपर्कों का इस्तेमाल करते हैं और पूरी सुविधाएं सरकार से लेते है। एच एल गेज्टा ऐसे अधिकारियों के लिए एक मिसाल है क्योंकि वे मात्र एक रुपए के वेतन पर अपनी सेवाएं सरकार को देंगे। हालांकि सरकार ने उनको निर्धारित एमोल्यूमेंट के साथ री इंगेजमेंट दी है। मगर उन्होंने इसको लेने से इंकार किया है, उनकी इस फैसले के लिए चारों ओर तारीफ हो रही है।
एच एल गेज्टा तहसीलदार रिकवरी के पद से जिलाधीश शिमला कार्यालय से 31 अगस्त को सेवानिवृत हुए हैं। सरकार ने उनको पुर्नरोजगार दिया है और उनकी निर्धारित एमोल्यूमेंट के साथ री-इंगेजमेंट की है। मगर गेज्टा ने फैसला लिया है कि वे विभाग से मात्र एक रुपए का मासिक वेतन लेंगे। इसके लिए उन्होंने जिलाधीश और अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व को पत्र लिखा है। इस तरह गेज्टा एक रुपए का वेतन लेकर सरकारी खजाने पर बोझ नहीं डालना चाहते।
हमेशा लोगों की मदद के लिए तैयार रहते हैं गेज्टा
एचएल गेज्टा ने 36 सालों तक राजस्व विभाग में अपनी सेवाएं दी और उनकी छवि एक ईमानदार, कर्मठ, निष्ठावान अधिकारी के तौर पर रही है। राजस्व विभाग में उनके कार्य का अनुभव अतुलनीय है, गेज्टा के कार्य करने की शैली, व्यवहार और लोगों की मदद करने के लिए हमेशा तत्पर रहना उनका एक अलग व्यक्तित्व बनाने में सहायक रही है।
गेज्टा का यह कदम प्रेरणादायक है और उनके अनुभव से विभाग की युवा पीढ़ी को कार्य प्रणाली सीखने में मदद मिलेगी। उनके इस कदम से शायद वे अधिकारी भी कुछ सोचने को मजबूर होंगे जो कि रिटायरमेंट के बाद सरकार से पुर्नरोजगार पाने के लिए होड़ में रहते हैं ताकि वे पेंशन के अलावा मोटी तनख्वाह और भत्ते सरकारी खजाने से ले सके। संभवतः एचएल गेज्टा पहले अधिकारी होंगे, जो पुर्नरोजगार पाने के बाद मात्र एक रुपए वेतन पर अपनी सेवाएं सरकार को देंगे।
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