ड्रोन से जासूसी नहीं, शहर में पानी के लिए घरों की जा रही मैपिंग
विधानसभा सदन में जिस ड्रोन को उडाने को लेकर खूब हंगामा हुआ, वो ड्रोन जासूसी नहीं बल्कि शहर में पानी की सप्लाई करने वाली एसजेपीएनएल कंपनी का निकला। एसजेपीएनएल इस ड्रोन से शहर में घरों की मैपिंग करा रही है जिससे कि लोगों को 24 घंटे पानी दिया जा सके।
एसजेपीएनएल ने शिमला में 24 घंटें पानी की सप्लाई करने वाले करीब 872 करोड़ के प्रोजेक्ट का काम स्वेज इंडिया कंपनी को दिया है। यह कंपनी शिमला के सभी वार्डों में ड्रोन से सर्वे कर रही है। इसके लिए शिमला जिला से मंजूरी भी ली गई है। शहर में 24 घंटे पेयजल देने के लिए सभी भवनों की ड्रोन मैपिंग की जा रही है। ड्रोन से पिक्चर लेने के अलावा घर-घर जाकर लोगों से पानी की खपत का भी रिकॉर्ड लिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि शिमला शहर के कई वार्ड में यह सर्वे पूरा हो चुका है। अन्य वार्डों में सर्वे का काम जारी है। कंपनी की ओर से इसकी पूरी रिपोर्ट अक्टूबर तक तैयार की जानी है।
जयराम ठाकुर ने ड्रोन से जासूसी के लगाए थे आरोप
उल्लेखनीय है कि नेता विपक्ष जयराम ठाकु ने शुक्रवार को सदन में उनके आवास की जासूसी ड्रोन से कराने के गंभीर आरोप लगाए थे। यही नहीं उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि साथ में लगते एसपी रेजिडेंस से यह ड्रोन उड़ाया जा रहा है। इस पर सदन में हंगामा हुआ था और मुख्यमंत्री ने कहा भी कि हिमाचल पुलिस ड्रोन से किसी की जासूसी नहीं कर रही। उन्होंने इस मामले में जांच की बात कही थी। अब सामने आया है कि ड्रोन से जासूसी नहीं पानी के लिए शहर में सभी घरों की मैपिंग की जा रही है।
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