सरकार का सचिवालय के 10 कर्मचारी नेताओं को नोटिस, 15 दिन में मांगा जवाब
प्रदेश सरकार ने महंगाई भत्ते और संशोधित वेतनमान के एरियर की मांग करने के लिए की गई गेट मीटिंग करने को लेकर राज्य सचिवालय में तैनात कर्मचारियों नेताओं पर कार्रवाई की तैयारी कर दी है। सचिवालय में गेट मीटिंग कराने के लिए जिम्मेदार 10 कर्मचारी नेताओं को नोटिस जारी किए गए हैं। इन कर्मचारी नेताओं से 15 दिनों में जवाब मांगा गया है, ऐसा न करने पर इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश सरकार की ओर से राज्य सचिवालय प्रशासन द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि कर्मचारी नेताओं ने 21 अगस्त से 23 अगस्त तक राज्य सचिवालय में गेट मीटिंग कर प्रदेश सरकार की आलोचना कर इसके कामकाज के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां की हैं और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया। कर्मचारी नेताओं पर राज्य सचिवालय और अन्य सरकारी विभागों के कर्मचारियों को सरकार के खिलाफ उकसाने के आरोप इस नोटिस में लगाए गए हैं।
नोटिस में कहा गया है कि कर्मचारी पर अपनी सरकार की प्रतिष्ठा को बनाए रखने का दायित्व है, लेकिन इन कर्मचारियों ने इसके विपरीत कार्य किया है। नोटिस में सरकार के कामकाज पर सार्वजनिक मंच से टिप्पणियां करने और सरकार की नीतियों की आलोचना करने को सीसीएस ( कंडक्ट) रूल्स 1964 का उल्लंघन बताया गया हैै। नोटिस में कर्मचारी नेताओं से पूछा गया है कि क्यों ने इसके लिए उनके खिलाफ सीसीएस (सीसीए) नियम, 1965 के तहत विभागीय कार्यवाही शुरू की जाए।
उपसचिव सचिवालय प्रशासन मनजीत बंसल की ओर से जारी नोटिस में कर्मचारी नेताओं को 15 दिनों के भीतर अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है। नोटिस में साफ किया गया गया है कि ऐसा न करने पर यह मान लिया जाएगा कि उनको कुछ नहीं कहना है और इस मामले में कानून के मुताबिक कार्यवाही की जाए।
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