साफ पानी इंसान के लिए प्राण, दूषित पानी जानलेवाः डॉ. अनुराग
बरसात का यह मौसम कई रोगों को लेकर आता है। बरसात में फैलने वाले रोगों में से पीलिया एक प्रमुख रोग है। पीलिया हेपेटाइटिस 'ए' वायरस के कारण होता है। यह वायरस दूषित पानी व भोजन की वजह से ही शरीर में प्रवेश करता है और इंसान के सबसे महत्वपूर्ण अंग लीवर पर सीधा हमला करता है। इससे लीवर अस्थाई तौर पर काम नहीं कर पाता और इससे पाचन तंत्र प्रभावित होता है। ऐसे में एहतियात बरत कर पीलिया से बचा जा सकता है।
आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. अनुराग विजयवर्गीय के मुताबिक बरसात के मौसम में जल जनित रोग एक आम बात है। बरसात में होने वाले रोगों में पीलिया, टाइफाइड जैसे कुछ रोग ज्यादा घातक भी साबित हो सकते हैं। इन रोगों का सीधा संबंध पानी से है, यानी अशुद्ध पानी का इस्तेमाल करने से ही ये रोग होते हैं। कई लोग बावड़ियों का पानी पीते हैं, जबकि बरसात में इनका पानी दूषित होता है। लोग सीधे बरसाती पानी का सेवन करते हैं, जो कि सेहत के लिए खतरनाक है। ऐसे इस तरह के पानी के सेवन से हर हाल में बचना चाहिए। इसलिए जरूरी है कि हर व्यक्ति साफ पानी पीएं। पानी को उबालकर पीने से पीलिया और टाइफाइड जैसे जटिल रोगों से बचाव किया जा सकता है। डा. वर्गीय का कहना है कि अगर पीलिया ज्यादा हो गया हो तो इसके लिए अस्पताल में दाखिल भी होना पड़ सकता है। कई बार यह रोग घातक भी साबित हो सकता है। ऐसे में सावधानी बेहद जरूरी है।
ये हैं पीलिया के लक्षण
डॉ. अनुराग के मुताबिक पीलिया के कुछ लक्षण साफ देखे जा सकते हैं। मोटे तौर पर देखें तो इसमें पीड़ित व्यक्ति की आंखें और शरीर पीला होता जाता है। पीलिया ग्रस्त व्यक्ति का मल भी पीला होता है। वहीं इससे पीड़ित व्यक्ति की भूख भी बंद हो जाती है और पाचन तंत्र भी धीमा हो जाता हैं। इसके अलावा ऐसे व्यक्ति में कमजोरी और सुस्ती रहती है।
गोलगप्पे, हरी पत्तेदार सब्जियों के सेवन से बचें
डॉ. अनुराग विजयवर्गीय कहते हैं कि पानी के साथ साथ अन्य चीजों के सेवन के बारे में भी जागरूक रहना जरूरी है। हालांकि सब्जियां, खासकर हरे पत्तेदार सब्जियां सेहत के लिए लाभकारी मानी गई है लेकिन सावन में ये कई बीमारियां लेकर आती है। आर्युवेद में सावन माह में हरी पत्तेदार सब्जियों के सेवन से मनाही की गई है। इनके इस्तेमाल से वायरस की संभावना रहती है। पत्ता गोभी और फूलगोभी का सेवन भी सावन में न करें। गोल गप्पे और बाजार की अन्य चीजें संक्रमित होती है। ऐसे में इनके सेवन से बचें। गोलगप्पे, पानी-पूरी के साथ दिया जाने वाले पानी की शुद्धता का भो कोई भरोसा नहीं होता, इसलिए इनके इस्तेमाल से बचें।
सावन में पेट की अग्नि मंद होती है और पानी भी कच्चा यानी अशुद्ध होता है। ऐसे में सावन में दूध, मिठाई न खाएं। फास्टफूड भी संक्रमित होता है। रात को दालों के सेवन से बचें, हालांकि दिन को हल्की दालें ली जा सकती हैं। सेहत के लिए सुपाच्य और हल्का भोजन लें। इसी तरह कड़ी, अरबी, राजमा और भिंडी जैसी गर्म चीजों से बचाव ही करें।
इस तरह शुद्ध करें पानी
ड़ा. अनुराग विजयवर्गीय के मुताबिक बरसात में अशुद्ध पानी के सेवन से बचने के लिए पानी को शुद्ध करना जरूरी है। बेहतर है आरओ का पानी पीएं। लेकिन गांवों या हर घर में आरओ नहीं सकता। ऐसे में पानी को उबालकर ही पीएं। पानी को तब तक उबालें जब तक कि यह आधा न रह जाए। इसके बाद इसको ठंडा कर पीएं। मिट्टी के टुकड़े को भी गर्म कर पानी में बुझाने से यह पानी विषाणु मुक्त हो जाता है। इतना ही नहीं उबालकर ठंडा किए पानी की तासीर भी हल्की होती है और यह सुपाच्य होती है। उनका कहना है कि पीलिया ठीक होने के बाद भी तीन माह बाद तक उबला ठंडा पानी पीना चाहिए, अन्यथा यह जीवन भर प्रभावित करता है। पीलिया पीड़ित व्यक्ति नमक, घी, फैट वाली चीजों का प्रयोग करने से बचें।
इन चीजों का इस्तेमाल करें
डॉ. अनुराग विजयवर्गीय का कहना है कि बरसात, खासकर सावन में पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए पुदीना उबालकर पिया जा सकता है। इसी तरह पुदीना, अनारदाना की चटनी भी अच्छी रहती है। प्याज का सेवन भी पाचन तंत्र को ठीक बनाता है। पीलिया से पीड़ित व्यक्ति को मूली का रस दिया जा सकता है। इसी तरह अनार जैसे फलों का सेवन इस मौसम में कर सकते हैं।
सावन में गुड़, अदरक, दालचीनी का इस्तेमाल करें। हल्दी भी पेठ की अग्नि को बढ़ाती है। छाछ का सेवन हींग का तड़का देकर इस्तेमाल करें।
रोस्टेड चीजें, जैसे भुने हुए चने, मुरमुरे, खिलें आदि का नियमित तौर पर सेवन किया जा सकता है।
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