शिमला में सैलानियों का हुजूम, 13 दिनों में 5.12 लाख से ज्यादा गाड़ियां पहुंचीं
मैदानी इलाकों में सूरज आग उगल रहा, इससे यहां के लोग गर्मियों से बेहाल है। इस भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए मैदानी इलाकों से पहाड़ों का रूख कर रहे हैं। शिमला सहित हिमाचल के विभिन्न हिस्सों में सैलानी बड़ी तादाद में पहुंच रहे हैं। शिमला में ही रोजाना 40 से 50 हजार गाड़ियां सैलानियों की शिमला पहुंच रही है। इतनी संख्या में गाड़ियों के पहुंचने से पार्किंग फुल हो रही हैं और साथ में ट्रैफिक मूवमेंट पर भी इसका असर पड़ना स्वाभाविक है।
मैदानी इलाकों की तपती गर्मी से राहत पाने के लिए लोग मनाली, धर्मशाला, डलहौजी के साथ-साथ शिमला और इसके आसपास के पर्यटन स्थलों पर बड़ी तादाद में पहुंच रहे हैं। पहाड़ों की रानी शिमला में भी सैलानियों का सैलाब उमड़ रहा है। शिमला में सैलानियों किस कदर पहुंच रहे हैं. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 13 दिनों में 5.12 लाख से ज्यादा गाड़ियां सैलानियों की शिमला पहुंची है। इससे शिमला शहर की सड़कों पर गाड़ियों की लाइनें भी लग रही हैं। शहर की पार्किंग भी सैलानियों की गाड़ियों से अटी पड़ी है। इतनी संख्या में गाड़ियां पहुंचने से शिमला पुलिस को ट्रैफिक कंट्रोल करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। शिमला पुलिस ने शहर में जगह जगह अपने जवान तैनात किए हैं ताकि ट्रैफिक को सुचारू बनाया जा सके।
ट्रैफिक जाम में न फंसे, इसके लिए टाइमिंग बदलें
बडी संख्या में सैलानियों की गाड़ियां पहुंचने से ट्रैफिक जाम लगना स्वाभाविक है। ऐसे में ट्रैफिक जाम से बचने के लिए टाइमिंग बदल सकते हैं। शिमला में ट्रैफिक जाम सुबह 10:00 बजे सरकारी ऑफिस शुरू होने और शाम 5:00बजे ऑफिस बंद होने के समय ज्यादा लगता है। ऐसे में शहरवासी अपनी टाइमिंग इसके मुताबिक बदल सकते हैं। पुलिस की माने तो शहरवासी सुबह थोड़ा जल्द निकल कर पीक आवर के लगने वाले ट्रैफिक जाम से बच सकते हैं। इससे पीक आवर पर भी ट्रैफिक कम करने में भी मदद मिलेगी और इससे लोगों का समय भी बचेगा और वे समय पर अपने गंतव्यों पर पहुंचेंगे।
वैकल्पिक मार्गों का प्रयोग करें
शिमला में ट्रैफिक जाम मुख्यतः कार्ट रोड जैसे मुख्य मार्गों पर रहता है। पुलिस की मानें तो ट्रैफिक जाम से बचने के लिए वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल भी वाहन चालक कर सकते हैं। मसलन सोलन की ओर से छोटा शिमला और संजौली की ओर आने वाली गाड़ियां टूटीकंडी बाईपास का इस्तेमाल कर सकती है। वहीं ढली के लिए टूटीकंडी, मल्याणा, ढली बाईपास को अपनाया जा सकता है। इसी तरह संजौली के ट्रैफिक जाम से बचने के लिए संजौली-ढली बाईपास का इस्तेमाल किया जा सकता है।
Leave A Comment