हिमाचल ने पूर्ण राजत्व के रूप में पूरा किया 54 सालों का सफर, 1971 में आज ही के दिन हुई थी पूर्ण राज्य की घोषणा
भारत के मानचित्र पर बड़े बड़े राज्यों के बीच एक छोटा सा खूबसूरत पहाड़ी प्रदेश हिमाचल आज अपना 55वां पूर्ण राज्यत्व दिवस मना रहा है। हिमाचल प्रदेश के लिए 54 साल पूर्ण करने का यह सफर काफी उतार और चढ़ाव से भरा रहा है। पहाड़ी प्रदेश होने के कारण गठन के समय हिमाचल के लिए देश के अन्य राज्यों के साथ बराबर आगे बढ़ने के लिए चुनोतियाँ भी पहाड़ सी थी परंतु यहां के लोगों के हौंसले भी किसी पहाड़ कम नहीं थे। आज हिमाचल प्रदेश में जो कुछ हासिल किया है, वह अन्य पहाड़ी ही नहीं बल्कि देश के बड़े बड़े राज्यों के लिए भी उदाहरण है।
हिमाचल प्रदेश अपनी खूबसूरती के लिए विश्वविख्यात है। 25 जनवरी1971 को हिमाचल पर्यटन और सेब राज्य के रूप भारतीय गणतंत्र के 18वें राज्य के तौर पर शामिल हुआ था। हिमाचल प्रदेश के समक्ष पूर्ण राजत्व का दर्जा मिलने के समय कही बड़ी चुनोतियाँ थी। परंतु हिमाचल वासियों ने अपने जोश जुनून व जज्बे से सभी बाधाओं को पार करते हुए विकाश के नए आयाम स्थापित किए और आज भी अपने इसी जब्बे के साथ पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश लगातार विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है.
बर्फबारी के बीच अनाडेल से पैदल ही रिज पहुंची थी तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी
पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले 54 साल पूरे हो चुके हैं. अब हिमाचल अपने पूर्ण राज्यत्व के 55वें साल में एंटर कर गया है. हिमाचल प्रदेश के लिए 25 जनवरी 1971 का वह ऐतिहासिक दिन था, जब देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य बनाने की घोषणा की थी. उस वक्त सर्दियों का मौसम था शिमला के रिज पर तापमान माइनस डिग्री था और आसमान से बर्फ गिर रही थी। लेकिन यह तमाम बाधाएं हिमाचल प्रदेश के लोगों के मजबूत इरादों के आगे बौनी साबित हुई। बड़ी संख्या में शिमला, इसके आस पास व राज्य के अन्य हिस्सों से लोग बर्फ़बारी के बीच रिज पहुंचे थे।ऐसे में हिमाचल वासियों के जज्बे को देख तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी खुद को नहीं रोक पाई और वह भी बर्फ़बारी के बीच पैदल ही रिजपर पहुंची थी।
15 अप्रैल 1948 को हुआ था हिमाचल का गठन
15 अप्रैल, 1948 को 30 छोटी-बड़ी पहाड़ी रियासतों को मिलाकर हिमाचल के कमिश्नर प्रोविंस के रूप में अस्तित्व में आया था. महासू, मंडी, चंबा और सिरमौर को अलग-अलग जिलों का दर्जा दिया गया था. इसके बाद हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राजत्व का दर्जा हासिल करने तक कई बाधाओं का सामना करना पड़ा था। एक बार हिमाचल को पंजाब में विलय की चर्चा हुई। लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ परमार की दूरदर्शी व मजबूत नेतृत्व ने हिमाचल को बचाने के लिए मजबूती से लड़ाई लड़ी और 25 जनवरी 1971 को हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राजत्व का दर्जा दिलाया।
हिमाचल प्रदेश के गठन के समय हिमाचल प्रदेश का क्षेत्रफल 10 हजार 451 वर्ग मील और जनसंख्या सिर्फ 9 लाख 83 हजार 367 थी. साल 1950 में हिमाचल प्रदेश को सी स्टेट का दर्जा देकर यहां विधानसभा के गठन का प्रावधान किया गया.
पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद देश का 18वां राज्य बना था हिमाचल
शिमला के ऐतिहासिक टका बेंच से जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य बनाने की घोषणा की, तब वहां मौजूद हर शख्स खुशी से झूम उठा. खुद इंदिरा गांधी ने वहां स्थानीय महिलाओं के साथ नाटी डाली. इससे पहले इंदिरा गांधी यहां खुली जीप में रोड शो करते हुए रिज पर पहुंची थी.
इंदिरा गांधी की ओर से इस बड़ी घोषणा के बाद हिमाचल प्रदेश भारत के 18वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया. तब से लेकर अब तक हिमाचल प्रदेश ने कई बड़े उदाहरण स्थापित किए हैं. कई मुश्किलों के बावजूद हिमाचल प्रदेश ने कभी अपने कदम पीछे नहीं हटाए और निरंतर आगे बढ़ता चला जा रहा है.
Leave A Comment