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हिमाचल में दो नामी बैंकों के साथ करोड़ो की धोखाधड़ी , हैदराबाद की कंपनी व अन्य लोगों पर आरोप

    हिमाचल प्रदेश में दो अलग-अलग बैंक धोखाधड़ी के मामलों में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है। पहले मामले में हैदराबाद स्थित एक निजी कंपनी द्वारा भारतीय स्टेट बैंक की बद्दी शाखा से 33 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। कंपनी के मुख्य प्रबंध निदेशक संधरपल्ले वेंकटैया और निदेशक गुड़लुरु मस्तान पर आरोप है कि उन्होंने कुछ अज्ञात सरकारी अधिकारियों और निजी व्यक्तियों के साथ मिलकर यह घोटाला किया।

जांच में पता चला है कि आरोपियों ने बैंक में पहले से गिरवी रखी संपत्तियों को बिना अनुमति के बेचने का प्रयास किया। इतना ही नहीं, बिक्री और पट्टे से प्राप्त धनराशि को बैंक में जमा न करके अपने निजी उपयोग में ले लिया। कंपनी का प्लांट और फैक्टरी बद्दी के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित है।

दूसरे मामले में, सीबीआई ने पंजाब नेशनल बैंक के साथ 3.34 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के लिए देवांग सेल्स कॉर्पोरेशन के दो साझेदारों और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। राजस्थान में पंजीकृत इस कंपनी ने सिरमौर के कालाअंब में स्थित अपनी इकाई के लिए पीएनबी परमाणु शाखा से नकद ऋण सुविधा का लाभ उठाया और फिर धोखाधड़ी की। यह मामला बैंक के मुख्य प्रबंधक कपिल मट्टा की शिकायत पर दर्ज किया गया है।

सीबीआई की एंटी करप्शन ब्यूरो शिमला दोनों मामलों की जांच कर रही है। इन घोटालों से सरकारी खजाने को कुल 36.34 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

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