सेब के गिरते दामों पर सियासत अभी भी जारी है और कोंग्रेस पार्टी सरकार पर लगातार हमलावर है |शिमला के रिज मैदान स्थित महात्मा गांधी के प्रतिमा के नीचे राजीव गांधी पंचायती राज संगठन से जुड़े पदाधिकारियों ने बागवानी से जुड़े मुद्दे पर मौन प्रदर्शन किया संगठन के प्रदेश संयोजक दीपक राठौर ने कहा की राजीव गांधी पंचायती राज संगठन समय समय पर प्रदेश से जुड़े ज्वलंत मुद्दों को उठाता रहता है और वर्तमान समय की बात करें तो प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली सेब की आर्थिकी ख़तरे में है और बागवान चिंतित है क्यूँकि सेब के दाम प्रदेश की मंडियों में धड़ल्ले से गिर रहे हैं |ऐसे में संगठन ने प्रदेश सरकार से हिमाचल में सेब पर विधेयक लाने की माँग की है और उसको लेकर राज्यपाल के माध्यम से सरकार को ज्ञापन सौंपा है दीपक राठौर ने कहा की ज्ञापन के माध्यम से विधेयक को लेकर उन्होंने सरकार को सुझाव भी दिए हैं उन्होंने विधेयक में इकोनोमिक ओफ़्फ़ेंस विंग बनाने की माँग की है जिससे ये मालूम हो सके की कौन से लदानी हिमाचल में आकर काम कर सकते हैं और उनका बैंक बैलेन्स कितना है क्यूँकि अभी भी 100 करोड़ के लगभग पैसा लदानियों और आढ़तियों के पास बाग़वानों का फ़सा हुआ है और उसमें अधिकतर बागवान वो है जिनकी सेब की पेटियाँ बहुत कम होती है और उसीपर निर्भर है अब आढ़ती उन्हें पैसे नहीं दे रहे हैं और पैसे लटके हुए हैं ऐसे में विंग के माध्यम से उनपर शिकंजा कसा जा सकता है वहीं उन्होंने विधेयक में A ग्रेड के सेब के इलावा अन्य ग्रेड के सेब का न्यूनतम दाम तय करने की भी माँग की है !उन्होंने पंचायतों में 73 वाँ व 74 वाँ संशोधन लागू करने की भी मांग की है ताकि पंचायतों के पास बजट का पैसा सीधा आ सकें और वो अपने स्तर पर कोल्ड स्टोर व फ्रूट प्रोसेसिंग यूनिट बना सकें !
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