पारम्परिक खेती और बीज संरक्षण में योगदान दें वैज्ञानिक: आर्लेकर
राज्यपाल ने कहा कि पारंपरिक कृषि को सही परिप्रेक्ष्य में बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालय को औषधीय पौधों को बढ़ावा देने के लिए कुछ स्कूलों को गोद लेने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को औषधीय पौधों की गुणवत्ता के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक करना चाहिए। इस अवसर पर राज्यपाल ने युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हम सभी को नशे के खिलाफ अभियान में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि परम्परागत बीजों का संरक्षण किया जाए और पंचायत स्तर पर जैव विविधता रजिस्टर तैयार किया जाए।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एच.के. चौधरी ने राज्यपाल का स्वागत किया और उन्हें विश्वविद्यालय की गतिविधियों और उपलब्धियों से अवगत कराया।
डाॅ. जी.सी. नेगी पशु चिकित्सा एवं विज्ञान महाविद्यालय, पालमपुर के डीन डाॅ. मंदीप शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
इससे पूर्व, राज्यपाल ने पशु चिकित्सा महाविद्यालय का दौरा भी किया।
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