विपक्ष के आरोपों के बीच सरकार का बड़ा फैसला ,ऊना जिला में एक साल के लिए खनन पर पूरी तरह रोक
हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में अवैध खनन की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए सरकार ने कड़ा फैसला किया है। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने वीरवार को सचिवालय में माइनिंग विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर महत्वपूर्ण निर्णय लिए। जिले में एक वर्ष के लिए नए क्रशर पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।
उद्योग मंत्री ने कहा कि लगातार शिकायतें मिलने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए ऊना जिला में उपायुक्त (डीसी) की अध्यक्षता में एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया जा रहा है। इस समिति में माइनिंग विभाग के अधिकारी भी शामिल होंगे, जो आगे की कार्य योजना के लिए सुझाव देंगे और अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे।
मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने एक गंभीर मुद्दा बताते हुए कहा कि कई जिलों से शिकायतें आई हैं कि पुलिस माइनिंग अधिकारियों का सहयोग नहीं करती। यहां तक कि कुछ पुलिसकर्मी छापेमारी की सूचना भी लीक कर देते हैं। इस मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया गया है और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए गए हैं कि सूचना लीक करने वाले कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
विपक्ष खनन को लेकर सरकार पर लगा रहा था आरोप
बता दें कि नेता प्रतिपक्ष व पूरा विपक्ष प्रदेश सरकार पर लगातार अवैध खनन व खनन माफ़िया को संरक्षण देने के आरोप लगा रहे थे। ऐसे में इस बीच सरकार ने यह फैसला किया है ।जिसके कारण सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गयी है।
डिप्टी सीएम ने सार्वजनिक मंच से दिए थे सख्त निर्देश
ऊना जिला के हरौली विधानसभा क्षेत्र से विधायक व प्रदेश सरकार में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने भी एक सार्वजनिक मंच से जिला के उच्च अधिकारियों को फटकार लगाते हुए सख्त निर्देशदिए थे कि अवैध खनन पर अधिकारी रोक लगाएं यह सरकार के सख्त आदेश है और सुबह के समय ऊना की सड़कों पर कोई भी टिप्पर नजर नहीं आने चाइये ।
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