स्कूलों में 9 अक्टूबर को होगा दूसरा मॉक टेस्ट, छात्रों की प्रैक्टिस कराने के निर्देश
हिमाचल के स्कूलों में विद्यार्थियों की सीखने की क्षमता का स्तर जांचने के लिए इस साल के अंत में परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण-24 कराया जा रहा है। परख सर्वे के लिए तैयार करने के लिए बच्चों की प्रैक्टिस पर फोकस किया जा रहा है। यही नहीं इस प्रैक्टिस का मूल्यांकन करने के लिए स्कूलों में मॉक टेस्ट भी कराए जा रहे हैं। पहला मॉक टेस्ट कराने के बाद अब दूसरे मॉक टेस्ट कराने की समग्र शिक्षा और शिक्षा विभाग तैयारी कर रहा है। दूसरा मॉक टेस्ट 9 अक्टूबर को स्कूलों में कराया जाएगा। इसको लेकर समग्र शिक्षा निदेशालय की ओर से स्कूलों को विशेष हिदायतें जारी की गई हैं।
10 सितंबर को कराया गया था पहला मॉक टेस्ट
परख सर्वेक्षण-24 के लिए पहला मॉक टेस्ट इसी माह 10 सितंबर को प्रदेश के 13218 स्कूलों कराया गया था। यह टेस्ट तीसरी व छठी के छात्रों का भाषा, गणित और द वर्ल्ड अराउंड अस (ईवीएस) और 9वीं कक्षा के भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान विषयों से संबंधित कराया गया, जिसमें कुल 160,902 छात्रों ने हिस्सा लिया। हालांकि इस टेस्ट में हल्का सुधार हुआ है, लेकिन समग्र शिक्षा इसमें वांछित सुधार के लिए लगातार प्रयासरत है। इसको देखते हुए समग्र निदेशालय ने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री के ताजा निर्देश के बाद स्कूलों को फिर से निर्देश जारी किए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि स्कूल प्रमुख इन कक्षाओं के बच्चों लगातार अभ्यास कराना सुनिश्चित करें।
अभ्यास चैटबॉट पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं स्कूलों को प्रश्न
समग्र शिक्षा की ओर से विद्या समीक्षा केंद्र (वीएसके) में एक डैश बोर्ड अलग से बनाया गया है जिसमें पहले मॉक टेस्ट का रिजल्ट अपलोड किया गया है। इस डैश बोर्ड में स्कूल प्रमुख, ब्लाक अधिकारी और जिला स्तर पर अधिकारी स्कूल वाइज मॉक टेस्ट के रिजल्ट कक्षा और विषयवार देख सकते हैं। डैशबोर्ड में मॉक टेस्ट में पाई गई कमियों को भी इंगित किया गया है। इसके साथ ही विद्या समीक्षा केंद्र की ओर से अभ्यास चैटबॉट पर बच्चों की क्षमता संबंधी सवाल डाले जा रहे हैं, ताकि शिक्षक इनका अभ्यास कराकर बच्चों की कमजोरियों को दूर कर सकें। समग्र निदेशालय की ओर से शिक्षकों को अपने स्तर पर बच्चों को प्रैक्टिस कराने के लिए विशेष तौर पर निर्देश दिए गए हैं। बच्चों को ओएमआर शीट पर सर्कल लगाने की भी प्रैक्टिस कराने को कहा गया है। शिक्षकों को ज्यादा से ज्यादा प्रैक्सिटस करानी होगी जिससे दूसरे मॉक टेस्ट के अच्छे परिणाम आएं।
समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने कहा है कि मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के आदेशों के अनुसार सभी स्कूलों को बच्चों की लगातार प्रैक्टिस कराने के निर्देश दिए गए हैं। जिससे कि हिमाचल परख सर्वेक्षण-24 में बेहतर प्रदर्शन कर सके।
उल्लेखनीय है कि 2021 में कराए गए राष्ट्रीय सर्वेक्षण में हिमाचल की स्थिति बेहतर नहीं ही थी। इसके बाद हिमाचल ने इस साल होने वाले परख सर्वेक्षण-24 की तैयारियों लेकर स्टेट लेवल एजुकेशन अचीवमेंट सर्वे कक्षा 2, 4, 7वीं और 9वीं के लिए फरवरी-मार्च माह में कराया था। हालांकि इसमें भी कुछ विषयों में बच्चों का प्रदर्शन कमजोर रहा है। इन कक्षाओं के बच्चों की विषयवार कमियों का विश्लेषण कर इनसे निपटने के लिए स्कूलों में परख सर्वे की विशेष तैयारियों पर फोकस किया जा रहा है। इसके तहत स्कूलों में जीरो ऑवर पीरियड लगाए जा रहे हैं। कक्षा तीसरी, छठी व 9वीं के लिए स्कूलों में अभ्यास करने के साथ ही मॉक टेस्ट भी कराए जा रहे है।
Leave A Comment